एक दिन फूल से तितलियों ने कहा,
कैसे रहते हो खुश तुम हरेक हाल में?
फूल बोला कि खुशबू लुटाता हँू मैं,
जब कि रहता हूँ कॉंटों के जंजाल में ।।
एक दिन फूल से …
एक दिन पेड़ से पंछियों ने कहा,
मस्त रहते हो कैसे हरेक हाल में?
पेड़ बोला कि मिलता मुझे इसमें सुख,
बॉंट देता हँू जो फल लगे डाल में ।
एक दिन फूल से…
एक दिन ओंठ से आँख ने ये कहा,
मुस्करा कैसे लेते हो हरेक हाल में;
ओंठ बोले, ‘‘है कोशिश किसी आँख से,
कोई आँसू न आए नये साल में ।’’
एक दिन फूल से….
एक दिन मैंने पूछा सृजनहार से !
आप से भी बड़ा कौन इस काल में?
बोले, ‘‘मॉं-बाप से है न कोई बड़ा,
सब चढ़ा दो वहॉं, जो रखा थाल में ।’’
एक दिन फूल से..