१.७ प्यारा देश

गंगा जिसकी अक्षुण्ण धरोहर
यमुना-सा निर्मल मन जिसका
ऐसा प्यारा देश है किसका ?

सबसे पहले सूरज आकर
रच जाता सिंदूर सुबह का
लाली किरणें चूनर बनतीं
भोर करे श्रृंगार दुल्हन का
हिमगिरि जैसा रक्षक जिसका
ऐसा प्यारा देश है किसका ?

आसमान छूता मस्तक हो
सागर उठ-उठ चरण धरे
बॉंहे हैं पंजाब, हिमांचल
हिम में गंगा जल लहरे
सोना-हीरा कण-कण जिसका
ऐसा प्यारा देश है किसका ?

भाषाऍं खुद गहना बनकर
रूप निखारें इस दुल्हन का
हिंदी कुम-कुम बनकर सोहे
बाँकी बनती छवि दर्पन का
जन, गन, मन अधिनायक जिसका
ऐसा प्यारा देश है किसका ?

खेतों के रक्षक किसान
सीमाओं पर हैं तने जवान
राम-कृष्ण, अल्ला सबके हैं
पढ़ते सब गीता, कुरान
हर पुत्री सावित्री जिसकी
हर सपूत शिव-राणा जिसका
ऐसा प्यारा देश है किसका ?