३. विचित्र आदमी

एक आदमी कहीं जा रहा था। वह रास्ता भूल गया। उसने किसी दूसरे आदमी से रास्ता पूछा। दूसरे आदमी ने बताया, “नदी किनारे जो पेड़ है, उसके ऊपर के रास्ते से चले जाओ ।” आदमी विचित्र था । वह पेड़ के ऊपर चढ़ गया। उसके बोझ से पेड़ की डाल झुक गई। किसी तरह हाथों से डाल पकड़कर वह लटक गया। उसी समय एक अन्य आदमी घोड़े पर बैठा नदी पार कर रहा था लटके हुए आदमी ने उसे पुकारा, “कृपा करके आप मुझे बचा लीजिए, नहीं तो मैं नदी में गिर जाऊँगा।” घुड़सवार दयालु था। वह घोड़े को लेकर पेड़ के नीचे आया और अपने हाथों से उसके पैर पकड़ लिए लेकिन उसी क्षण घोड़ा आगे चल पड़ा बेचारा घुड़सवार भी उसके पैर पकड़े हुए लटक गया

यह देखकर उस विचित्र आदमी ने घुड़सवार से कहा, “इस ने प्रकार लटके-लटके तो हम दोनों नदी में गिर जाएँगे यदि तुम गाना जानते हो तो कोई गीत गाना शुरू कर दो शायद गाने की आवाज सुनकर कोई यहाँ आ जाए और हमें बचा ले।” घुड़सवार गाना जानता था उसने गाना शुरू कर दिया गीत बहुत अच्छा था। गाने पर ताली बजाने के लिए विचित्र आदमी ने अपने हाथों से पकड़ी डाल छोड़ दी ताली तो क्या बजती, वे दोनों उसी समय नदी में गिर गए।

– विष्णु प्रभाकर