७. कुछ पाकर देख

ुछ खोकर, कुछ पाकर देख ।
दुनिया नई बसाकर देख ।

मौसम कदमों पर होगा
गैरों को अपनाकर देख ।

कांॅटे खुलकर हँस देंगे
बहलाकर, सहलाकर देख ।

मैं भी कितना हूँतनहा
यह तू मुझमें आकर देख ।

लड़की लाड़ली लड़की है
चॉंद-सितारे लाकर देख ।

सपने ही तो साथी हैं
सपनों को सुलटाकर देख ।

सारा जंगल जिंदा है
तू बादल बरसाकर देख ।

लौट के बिछड़े आएँगे
घर की राह सजाकर देख ।

‘नाथ’ अँधेरे को मत कोस
मन का दिया जलाकर देख ।