ुछ खोकर, कुछ पाकर देख ।
दुनिया नई बसाकर देख ।
मौसम कदमों पर होगा
गैरों को अपनाकर देख ।
कांॅटे खुलकर हँस देंगे
बहलाकर, सहलाकर देख ।
मैं भी कितना हूँतनहा
यह तू मुझमें आकर देख ।
लड़की लाड़ली लड़की है
चॉंद-सितारे लाकर देख ।
सपने ही तो साथी हैं
सपनों को सुलटाकर देख ।
सारा जंगल जिंदा है
तू बादल बरसाकर देख ।
लौट के बिछड़े आएँगे
घर की राह सजाकर देख ।
‘नाथ’ अँधेरे को मत कोस
मन का दिया जलाकर देख ।