5. (अ) गणित का जादू

१. सर्वप्रथम तुम अपने घर के किसी मोबाइल नंबर का अंतिम अंक लो ।
२. अब उस अंक को दो से गुणा करो ।
३. प्राप्त उत्तर में पॉंच जोड़ो ।
४. इस योगफल में पचास से गुणा करो ।
5. प्राप्त उत्तर में १७६६ मिलाआे ।
६. इस योगफल में से अपना जन्म वर्ष (सन) घटाओ ।
७. प्राप्त उत्तर तीन अंकी संख्या होगा । इसमें प्राप्त पहला अंक मोबाइल नंबर का अंतिम अंक होगा । शेष
दो अंक तुम्हारी पूर्ण उम्र बताते हैं ।

(ब) पहेली

१. एक नारि ने अचरज किया । सॉंप मारि पिंजरे में दिया ।
ज्‍या-ें ज्‍या सॉंप ताल को खाए । ताल सूखे सॉंप मर जाए ।। ें

२. एक थाल मोती से भरा । सबके सिर पर औंधा धरा ।
चारों ओर वह थाली फिरै । मोती उससे एक न गिरै ।।

३. बाला था जब सबको भाया, बड़ा हुआ कछु काम न आया ।
खुसरो कह दिया उसका नाँव । अर्थ करो नाहिं छोड़ो गाँव ।।

4. अरथ तो इसका बूझेगा । मुँह देखो तो सूझेगा ।।

5. खड़ा भी लोटा पड़ा भी लोटा, है बैठा और कहे लोटा ।
खुसरो कहे समझ का टोटा ।।

६. आदि कटे से सबको पारे । मध्य कटे से सबको मारे ।
अंत कटे से सबको मीठा । खुसरो वाको आँखों दीठा ।।

 

(स) अचंभा

हर चीज में अचंभा, हर बात पर हैरानी
पूछे है बातें न्यारी, नन्ही-सी गुड़िया रानी ।
तितली के सुंदर पंखों पर
रंग किसने बिखराए,
चाॅंद को शीतलता दी किसने
सूरज को कौन तपाए ?
यहॉं-वहांॅ आवारा घूमे
हवा नजर नहीं आती
कुहू-कुहू करके कोयल रानी
किसको गीत सुनाती ?
कौन भर गया चुपके-से मेघों के मुँह में पानी
पूछे है बातें न्यारी, नन्ही-सी गुड़िया रानी ।
फूलों में किसने है छिड़की
खुशबू भीनी-भीनी !
क्यँू करता रहता है कौआ
सब पर नुक्ताचीनी ?
इंद्रधनुष मंे क्यूंॅ नहीं होते
रंग सात से ज्यादा,
कभी-कभी क्यँू आसमान में
चंदा दिखता आधा
मैडम कहती सिर न खपाआे, बंद करो शैतानी
पूछे है बातें, न्यारी, नन्ही-सी गुड़िया रानी ।