5. एक चपाती

ताती-ताती एक चपाती
दिखी तवे पर पेट फुलाती
बिल्ली मौसी बोली-‘‘म्यॉंऊँ !
भूख लगी, मैं तुझको खाऊँ ।’’
सुनकर उछली दूर चपाती,
बोली फिर आँखें मटकाती-
‘‘मौसी पहले मक्खन ला ।
फिर चाहे मुझको खा जा ।’’
देख चपाती की ठनगन,
बिल्ली ले आई मक्खन ।
गुर्राकर फिर बोली-‘‘म्याऊँ !
अब तो मैं तुझको खा जाऊँ?’’
सुनकर उछली दूर चपाती,
बोली फिर आँखें मटकाती-

‘‘हॉं, हॉं, पहले गुड़ तो ला ।
फिर चाहे मुझको खा जा ।’’
बिल्ली चल दी गुड़ लाने ।
लगी लौटकर झुँझलाने ।
‘‘म्याऊँ ! म्याऊँ ! म्याऊँ !
अब मैं खाऊँ । अब मैं खाऊँ’’
मन ही मन में गढ़ी चपाती,
सोचा-‘अब तो मरी चपाती ।’
चिढ़कर बोली-‘खा नकटी ।’
बिल्ली गुस्से में झपटी ।
कमरे में आते ही मॉं के,
बिल्ली भागी दुम दबा के
आँख खोल चपाती मुस्काई,
मॉं ने उसकी जान बचाई ।