8th Hindi

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8. जिंदगी का सफर

सफर में जिंदगी के कितना कुछ सामान रहता है, वो खुशकिस्‍मत है, जिसका हमसफर ईमान रहता है । सुखी वह है, जमीं से जो जुड़ा इनसान रहता है, नदी चलती […]

७. सम्‍मेलन अंगों का

सूत्रधार ः सुनो, सज्‍जनो, सुनो ! एक सम्‍मेलन होगा । यह सम्‍मेलन है शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों का । हाथ, पैर, मुँह, नाक, कान का, सम्‍मेलन बेढंगों का । (शरीर […]

६. प्राकृतिक सौंदर्य से पूर्ण ‘अल्‍मोड़ा’

गरमी की छुट्‌टियाँ शुरू हो गईं, मैं बच्चों के साथ एक रात छत पर बैठा था, सारे बच्चे कहीं बाहर घूमने जाने के लिए उत्‍साहित थे । कहने लगे-‘अप्पी ! […]

5. संतवाणी

पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे । मैं तो मेरे नारायण की अपहिं हो गइ दासी रे । लोग कहै मीरा भई बावरी न्यात कहै कुलनासी रे ।। बिष का […]

4. तुम मुझे खून दो

दोस्‍तो ! बारह महीने पहले पूर्वी एशिया में भारतीयों के सामने ‘संपूर्ण सैन्य संगठन’ या ‘अधिकतम बलिदान’ का कार्यक्रम पेश किया गया था । आज मैं आपको पिछले साल की […]

३. आत्मनिर्भरता

यह बात तो निश्चित है कि जो मनुष्य मर्यादापूर्वक जीवन व्यतीत करना चाहता है, उसके लिए वह गुण अनिवार्यहै जिससे आत्मनिर्भरता आती है और जिससे अपने पैरों के बल खड़ा […]

२. परोपकार

बहुत पहले की बात है । एक गाँव में फूलों की क्‍यारियाँ चारों तरफ सुंगध फैला रही थीं । फूलों से मधु इकट्‌ठा करने के लिए मधुमक्‍खियाँ फूलों पर मँड़रा […]

१. पंपासर

शाल और सागौन वनांे को, पार किया शबरी ने, सुन रक्‍खा था नाम कभी, पंपासर का शबरी ने । पंपासर में बड़े-बड़े ॠषि-मुनियों के हैं आश्रम ज्ञान-व्यान, तप-आराधन के तीर्थरूप […]

8. कदम मिलाकर चलना होगा

बाधाएँ आती हैं आएँ, घिरें प्रलय की घोर घटाएँ, पाँवों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्‍वालाएँ, निज हाथों से, हँसते-हँसते, आग लगाकर जलना होगा । कदम मिलाकर चलना […]

७. हींगवाला

लगभग पैंतीस साल का एक खान आंॅगन में आकर रुक गया । हमेशा की तरह उसकी आवाज सुनाई दी – ‘‘अम्मा… हींग लोगी?’’ पीठ पर बँधे हुए पीपे को खोलकर […]