११. स्वतंत्रता गान
घोर अंधकार हो, चल रही बयार हो, आज द्वार-द्वार पर यह दिया बुझे नहीं, यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है । शक्ति का दिया हुआ, शक्ति को दिया […]
घोर अंधकार हो, चल रही बयार हो, आज द्वार-द्वार पर यह दिया बुझे नहीं, यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है । शक्ति का दिया हुआ, शक्ति को दिया […]
स्ट्रेचर को धकेलते हुए वे बड़ी तेजी से अस्पताल के गलियारे से ले जा रहे थे । स्ट्रेचर के पीछे घर के सदस्यों, मित्रों, परिजनों और पड़ोसियों का एक काफिला-सा […]
पाॅयनियर प्रेस में प्रताप की समय की पाबंदी, शुद्ध-स्वच्छ लिखावट, सही-साफ हिसाब-किताब रखने की आदत, विनम्र-निश्चल व्यवहार ने बहुत जल्दी उनको विशिष्टता दे दी । अपना काम खत्म कर वे […]
अँधेरे के इलाके में किरण माँगा नहीं करते जहाँ हो कंटकों का वन, सुमन माँगा नहीं करते । जिसे अधिकार आदर का, झुका लेता स्वयं मस्तक नमन स्वयमेव मिलते हैं, […]
जब तीन दिन की अनथक खोज के बाद बाबू रामगोपाल एक नौकर ढूँढ़कर लाए तो उनकी क्रुद्ध श्रीमती और भी बिगड़ उठीं । पलंग पर बैठे-बैठे उन्होंने नौकर को सिर […]
कितनी सुंदरता बिखरी प्राकृतिक जगत में, ईश्वर, टपक रही गिरि-शिखरों से झर, लोट रही घाटी में लिपटी धूप छाँह में निःस्वर ! अनिल स्पर्श से पुलकित तृण दल, बहती सीमाहीन […]
परम पूज्य बापूजी, एक साल पहले अस्वास्थ्य के कारण आश्रम से बाहर गया था । यह तय हुआ था कि दो-तीन मास वाई रहकर आश्रम लौट जाऊँगा । पर एक […]
सतत प्रवाहमान ! जीवन की पहचान ! मैं एक गीली हलचल हूँ, मेरे स्वर में कल-कल है मैं जल हूँ ! सिंधु यानी धरती पर सभ्यताओं का आदि बिंदु । […]
देशी कंपनी ने रेफ्रीजरेटर बनाया और उसकी प्रसिद्धि के लिए विदेशी विज्ञापन अपनाया । भारत भर में प्रतियोगिता का जुगाड़ किया । सवाल था- ‘इस रेफ्रीजरेटर को खरीदने के क्या […]
रीडर अणिमा जोशी के मोबाइल पर फोन था मांडवी दीदी की बहू तविषा का । कह रही थी, ‘‘आंटी, बहुत जरूरी काम है । अम्मा से बात करवा दें ।’’ […]